Constitutional Status of Muslim Women in India: With Special Reference to Triple Talaq
भारत में मुस्लिम महिलाओं की संवैधानिक स्थिति: तीन तलाक के विशेष सन्दर्भ में
DOI:
https://doi.org/10.31305/rrijm.2022.v07.i09.014Keywords:
Muslim Women, Islam, Triple Talaq, ConstitutionAbstract
If Islam is evaluated from a historical perspective, then in Islam both men and women are an important part of the society and theoretically the principle of gender equality has been emphasized in the Quran. Keeping in mind the social and religious interests, Islam has fixed the work area for both men and women. It is described in a hadith – the husband is the caretaker of his family and the woman is the caretaker of her husband's house and his children. Islam makes no distinction between the personality of both men and women. Describing this equality of women and men in the Holy Quran, it defines women as men's clothes and men as women's clothes.
Abstract in Hindi Language:
ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में इस्लाम को यदि मूल्यांकित किया जाये तो इस्लाम में महिला व पुरुष दोनों ही समाज का महत्वपूर्ण अंग है तथा सैद्धान्तिक रूप से कुरान में लैंगिक समानता के सिद्धान्त पर बल दिया गया है। इस्लाम ने सामाजिक व धार्मिक हितों को ध्यान में रखकर महिला व पुरुष दोनों का कार्यक्षेत्र निर्धारित कर दिया है। एक हदीस में वर्णित है- पति अपने घरवालों की देखभाल करने वाला है और औरत अपने पति के घर और उसके बच्चों की। इस्लाम पुरुष और औरत दोनों के व्यक्तित्व में कोई भेदभाव नहीं करता। पवित्र कुरान में महिला व पुरुष की इस समानता को वर्णित करते हुए महिला को पुरुष का परिधान और पुरुष को महिला का परिधान ठहराता है।
Keywords: मुस्लिम महिला, इस्लाम, तीन तलाक, संविधान।
References
पिंफडले, एलिसन बैक्स: नूरजहाँ-एम्मप्रेस ऑफ मुगल इण्डिया, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, नई दिल्ली, 2000, पृ. 256
राधेशरण: मध्यकालीन भारत का सामाजिक एवं आर्थिक इतिहास, म. प्र. हिन्दी ग्रंथ अकादमी, भोपाल, 2000, पृ. 90
हेराल्ड मोत्जकी (2006): ’विवाह और तलाक’ जेन डेमन मैकआॅलिफ (संशोधित) कुरान का विश्वकोश, वाॅल्युम 3, पृ. 279
चैधरी, साइरा अकिला (2008): उपयुक्त स्वतंत्रता: पहचान, लिंग न्याय और भारत में मुस्लिम पर्सनल लॉ रिफॉर्म, कोलंबिया जर्नल ऑफ जेंडर एण्ड लॉ, पृ. 71-73
गौर, उमर ह्यात, खान: इस्लाम में औरत का स्थान और मुस्लिम पर्सनल लॉ पर ऐतिराजात की हकीकत, मर्कजी मक्तवा इस्लामी पब्लिशर्स, नई दिल्ली, 2010, पृ. 58-59
धनंजय महापात्रा: महिलाएँ भी तीन तलाक कह सकती है, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, टाइम्स ऑफ इंडिया, 17 मई 2017
कानून, नैतिकता, तीन तलाक, इण्डियन एक्सप्रेस, फैजान मुस्तफा, 10 जुलाई 2017
बदेरिन, मशूदा ए: (5 जुलाई 2017) इस्लामी कानून में मुद्दे, खंड-2
द्विवेदी, सत्येन्द्र: मध्यकालीन इतिहास में महिलाओं का स्थान, ब्लाग ज्ञानप्रदानी, 2017
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीन तलाक विधेयक को मंजूरी दी। द हिंदु 11 अगस्त 2019
रशीदी, यासमीन: मेरे मुल्क में औरत का कोई नाम नहीं है, दी वायर 2019
Downloads
Published
How to Cite
Issue
Section
License
This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial 4.0 International License.
This is an open access article under the CC BY-NC-ND license Creative Commons Attribution-Noncommercial 4.0 International (CC BY-NC 4.0).