Study of Terracotta Art with Special Reference to Shiva

मृण्मूर्तिकला का अध्ययन शिव के विशेष संर्दभ में

Authors

  • Dr. Avadhesh Kumar Chaudhary Laxmi Nagar Grant Gonda U.P

DOI:

https://doi.org/10.31305/rrijm.2022.v07.i11.013

Keywords:

Karma, knowledge, devotion, Shiva, salvation, welfare

Abstract

Under ancient Indian art, man's desires and imaginations also include his religious and spiritual beliefs. The artist's art is influenced by nature, inner impulse, social traditions and cultural heritage. The religious social system here is completely reflected in Indian art. Religion and art have been a strong part of human life and they complement each other. Art has been the medium of religion since ancient times, often art has been used for the purpose of clarifying religion and religious beliefs. The devotee attains self-satisfaction by worshiping his deity only through architecture and sculpture. Most of the ancient Indian works of art are the product of the devotional spirit of the devotee towards his deity. The proximity of art and religion is the main reason for the establishment of artistic traditions and development. In the ancient art only the transformation of the spiritual imagination of man is found.

Abstract in Hindi Language:

प्राचीन भारतीय कला के अन्तर्गत मनुष्य की इच्छाओं तथा कल्पनाओं में उसकी धार्मिक तथा आध्यात्मिक मान्यताएँ भी सम्मिलित हैं। कलाकार की कला पर प्रकृति, आन्तरिक आवेग, सामाजिक परम्पराओं तथा सांस्कृतिक विरासत का प्रभाव पड़ता है। भारतीय कला में यहाँ की धर्मप्रधान सामाजिक व्यवस्था पूर्णतया प्रतिबिम्बित है। धर्म तथा कला मानव जीवन के प्रबल अंग रहे हैं तथा वे एक दूसरे के पूरक हैं। प्राचीन काल से ही कला धर्म का माध्यम रही हैं प्रायः कला का उपयोग धर्म तथा धार्मिक मान्यताओं के स्पष्टीकरण के निमित्त किया जाता रहा है। स्थापत्य एवं मूर्ति कला के माध्यम से ही भक्त अपने आराध्य देव की अर्चना करके आत्मसन्तुष्टि प्राप्त करता है। अधिकांश प्राचीन भारतीय कलाकृतियाँ अपने आराध्यदेव के प्रति भक्त की समर्पित भावना की उपज हैं। कला तथा धर्म का समीप्य ही कलात्मक परम्पराओं तथा विकास की स्थापना का मूल कारण है। प्राचीन कला में मानव की आध्यात्मिक कल्पना का ही रूपान्तर मिलता है।

Keywords: कर्म, ज्ञान, भक्ति, शिव, मोक्ष, कल्याण 

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Published

12-11-2022

How to Cite

Chaudhary, A. K. (2022). Study of Terracotta Art with Special Reference to Shiva: मृण्मूर्तिकला का अध्ययन शिव के विशेष संर्दभ में. RESEARCH REVIEW International Journal of Multidisciplinary, 7(11), 78–83. https://doi.org/10.31305/rrijm.2022.v07.i11.013