Role of film music in the development of music in global perspective
वैश्विक परिप्रेक्ष्य में संगीत के विकास में चित्रपट संगीत की भूमिका
DOI:
https://doi.org/10.31305/rrijm.2022.v07.i05.023Keywords:
Music, Cinema, Civilization, CultureAbstract
Music is making its identity in the whole world today and international music conferences are also being organized at different places globally. Music is a medium of dissemination of cinema, civilization and culture. Music and film (cinema) have become a very powerful medium of global dissemination and promotion of Indian civilization and culture in the present times. Because we get glimpses of Indian identity in cinema and film music is very much liked in foreign countries. The concept of Indian civilization and culture is incomplete without music. Cinema is working as a bridge between our culture and foreign culture. Cinema is the carrier of brotherhood and universal brotherhood. To establish dialogue with world culture, Chitrapat has made immense efforts to display Indian cultural values and diversity on the international platform. Because of all the forms of entertainment in human history, film music is the pinnacle of them all. And by transcending the boundaries of the drama genre, cinema can accurately capture unimaginable cinematography. Movies like Avatar, Robot, Titanic present a very perfect example of this. Camera and imagination are amazing in these films.
Abstract in Hindi Language:
संगीत आज पूरे विश्व में अपनी पहचान बनाये हुए है और विश्व स्तर पर जगह जगह अंतर्राष्ट्रीय संगीत सम्मेलनों का आयोजन भी हो रहा है। संगीत सिनेमा, सभ्यता एवं संस्कृति के प्रसार का एक माध्यम संगीत है। संगीत और चित्रपट (सिनेमा) भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति तीनों के ही वैश्विक प्रसार एवं प्रचार का वर्तमान समय में एक बहुत ही सशक्त माध्यम बन गया है। क्योंकि भारतीय अस्मिता की झलकिया हमें चित्रपट (सिनेमा) में मिलती है ओर चित्रपट संगीत को विदेशों में बहुत पसंद किया जाता है। भारतीय सभ्यता और संस्कृति की अवधारणा संगीत के बिना अधूरी है। हमारी संस्कृति और विदेशी संस्कृति के बीच चित्रपट (सिनेमा) एक सेतु का कम कर रहा है। चित्रपट भाईचारों और विश्व बंधुत्व का सवाहक है। विश्व संस्कृति से संवाद स्थापित करने के लिए चित्रपट ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारतीय संस्कृतिक मूल्यों एवं विविधता को प्रदर्शित करने का असीम प्रयास किया है। क्योंकि मानव इतिहास में मनोरंजन के सभी साधनों में चित्रपट संगीत उन सब से चरम उत्कर्ष है। और नाटक विधा की सीमाओं को लांघकर सिनेमा सटीक कल्पनातीत चलचित्रांकन कर सकता है। अवतार, रोबोट, टायटनिक जैसी फिल्मे इसका बहुत सटीक उदाहरण प्रस्तुत करती है। इन फिल्मों में कैमरा और कल्पनाओं का कमाल है।
Keywords: संगीत, सिनेमा, सभ्यता, संस्कृति
References
डाॅ0 सीमा जौहरी (सांगीतिक निबन्ध माला) पृ0 63
डाॅ0 सीमा जौहरी (फिल्म संगीत निर्देशक रोशन व उनके समकालीन संगीतकार)
डाॅ0 सुनीता शर्मा (भारतीय संगीत का इतिहास)
पत्रिका (वैश्विक परिवेश में हिन्दी भाषा साहित्य सिनेमा एवं पत्रकारिता)
लक्ष्मीनारायण शर्मा (निबन्ध संगीत)
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