Study of Cause and Effect of Climate Change
जलवायु परिवर्तन के कारण एवं प्रभाव का अध्ययन
DOI:
https://doi.org/10.31305/rrijm.2023.v08.n08.006Keywords:
water, land, air, sky, mountains, minerals, forests, resourcesAbstract
Climate plays an important role in determining the lifestyle, food habits, agriculture, economy, etc. of a particular nation. About 65% of people in India are dependent on agriculture. At present, the whole world including India is struggling with the problem of climate change. Many changes are taking place in the environment day by day, such as increase in temperature, decrease in rainfall, melting of glaciers, change in the direction of winds, etc. effects are visible, mainly because of tampering with the natural resources of the world, which has disturbed the natural balance. As a result, we are experiencing different types of changes. Climate change is a worldwide continuous process, which continues continuously from the Precambrian period to the Holocene period. To understand the cause and effect of climate change, we have to understand environmental science. Nature had given us free gifts of water, land, air, sky, mountains, minerals, forests, resources, wildlife, etc., and along with this, the responsibility of their protection and conservation was also assigned to us, but humans have selfishly destroyed the components of the environment. Indiscriminate exploitation has been accepted as its right, but it has forgotten its responsibility and commitment towards the environment, this selfishness of man has created a situation of environmental imbalance. Current climate change is taking place in the direction of increase in world temperature, so many people The increase in world temperature is considered as climate change, but not so, temperature is the main element of climate and it is considered to be the main indicator of climate change, therefore, the condition of average decrease or more than average increase in temperature is considered as the condition of climate change. Therefore, the current state of climate change indicates a rise in temperature.
Abstract in Hindi Language:
जलवायु किसी राष्ट्र विशेष के रहन-सहन, खान-पान, कृषि,अर्थव्यवस्था,आदि के निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारत में लगभग 65% लोग कृषि पर निर्भर है। वर्तमान में भारत सहित संपूर्ण विश्व जलवायु परिवर्तन की समस्या से संघर्ष कर रहा है। पर्यावरण में दिनों-दिन अनेक परिवर्तन हो रहे है जैसे तापमान में बढ़ोतरी,वर्षा में कमी,ग्लेशियरों का पिघलना, हवाओं की दिशा में परिवर्तन आदि प्रभाव दृष्टि गोचर हो रहे है जिसका मुख्य कारण विश्व के प्राकृतिक संसाधनों के साथ की गई छेड़छाड़ ने प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ा है। इसके फलस्वरूप हम विभिन्न प्रकार के परिवर्तनों का अनुभव कर रहे हैं lजलवायु परिवर्तन एक विश्वव्यापी सतत प्रक्रिया है जो की प्रीकैंब्रियन काल से लेकर होलोसीन काल तक निरंतर जारी है। जलवायु परिवर्तन के कारण एवं प्रभाव को समझने के लिए हमें पर्यावरण विज्ञान को समझना होगा । प्रकृति ने हमें जल,थल,वायु,नभ,पर्वत, खनिज,वन,संसाधन वन्य जीव आदि निशुल्क उपहार स्वरूप प्रदान किए थे और साथ ही इनकी रक्षा व संरक्षण का उत्तरदायित्व भी हमें सौंपा गया था परंतु मानव ने स्वार्थवस पर्यावरण के घटकों का अंधाधुंध दोहन को अपना अधिकार मान लिया किंतु पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी अपनी प्रतिबद्धता को वह भूलगया , मनुष्य के इसी स्वार्थ ने पर्यावरणीय असंतुलन की स्थिति को पैदा कर दिया है। वर्तमान जलवायु परिवर्तन विश्व तापमान में वृद्धि की दिशा में हो रहा है, इसलिए अनेक लोग विश्व तापमान में वृद्धि को ही जलवायु परिवर्तन मान रहे हैं। लेकिन ऐसा नहीं होकर तापमान जलवायु का प्रमुख तत्व है और इसे जलवायु परिवर्तन का प्रमुख संकेतक माना जाता है इसलिए तापमान में औसत से कमी या औसत से अधिक वृद्धि की स्थिति को जलवायु परिवर्तन की दशा माना जाता है । इसलिए जलवायु परिवर्तन की वर्तमान दशा तापमान वृद्धि की ओर इशारा करती है।
Keywords: जल, थल, वायु, नभ, पर्वत, खनिज, वन, संसाधन
References
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