Major Classical Instrument of Hindustani Music
हिन्दुस्तानी संगीत के प्रमुख शास्त्रीय वितत वाद्य
DOI:
https://doi.org/10.31305/rrijm.2022.v07.i02.002Keywords:
Hindustani, classical, musical, instrumental sarangi, dilruba, israj, jogi sarangi, albakhya dand, kundi, mandraAbstract
The strings of the musical instruments are struck by rubbing them with the hair of a horse mounted on a gaz or a wooden stick. These instruments completely imitate the singing styles. Instruments like sarangi, dilruba and israj are the main classical instruments of the Musical category. The stringed instrument used in concerts is made of a single piece of wood and is about sixty centimeters long. Due to the contact of prostitutes, this instrument was neglected in the prestigious society for many years, but due to its personal characteristics, at this time it has managed to get the most important place in musical instruments. Dilruba and Israj are similar instruments. It is also said that Dilruba is a combination of Sitar and Sarangi. Israj is played with both singing and tantkari styles. This instrument is an invention of the 20th century AD. The promotion of this instrument is more in the Bengal region.
Abstract in Hindi Lanaguge:
वितत वाद्यों की तारों पर प्रहार गज या लकड़ी की छड़ी पर लगे घोड़े के बालों से घिसकर करते हैं। ये वाद्य गायन-शैलियों का पूर्ण अनुकरण करते हैं। सारंगी, दिलरूबा और इसराज जैसे वाद्य वितत श्रेणी के प्रमुख शास्त्रीय वाद्य हैं। संगीत सभाओं में प्रयुक्त सारंगी वाद्य लकड़ी के एक ही टुकड़े का बना होता है और लगभग साठ सेंटीमीटर लम्बा होता है। वेश्याओं के संपर्क के कारण यह वाद्य प्रतिष्ठित समाज में कई वर्षों तक उपेक्षित रहा, परन्तु अपनी निजी विशेषताओं के कारण इस समय यह संगीत-वाद्यों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त करने में सफल हुआ है। दिलरुबा व इसराज मिलते जुलते वाद्य हैं। यह भी कहा जाता है कि दिलरुबा, सितार और सारंगी का मिला-जुला रूप है। इसराज गायकी तथा तंतकारी दोनों शैलियों से बजाया जाता है। यह वाद्य ई0 20वीं सदी का आविष्कार है। इस वाद्य का प्रचार बंगाल प्रदेश में अधिक है।
Keywords: हिन्दुस्तानी, शास्त्रीय, वितत, वाद्य सारंगी, दिलरुबा, इसराज, जोगी सारंगी, अलबख्य डाँड, कुंडी, मन्द्र।
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