Buddhist notation in the Vakataka frescoes of Ajanta
अजन्ता के वाकाटककालीन भित्ति चित्रों में बौद्ध अंकन
DOI:
https://doi.org/10.31305/rrijm.2022.v07.i02.003Keywords:
Maya's dream, discussion with Asit Rishi, Gautam's learning, the vision of the old man and three other instruments, Sujata's pudding, sermon, Nanda's initiationAbstract
The Ajanta paintings are mainly intended to depict various aspects of the life of Lord Buddha. The rest of the space between the stories has been decorated with vines, animal birds, geometric figures and other varied forms. Cave No. 9, 10, 19, 26 of the thirty caves of Ajanta are chaitya mandapas, while the rest are sangarams or viharas. At present there are only six cave paintings, in which cave nos.-1,2,9,10,16 and 17 are there. From the point of view of time, these paintings are divided into three categories – Satavahana period paintings, Vakataka period paintings and Vakatota period paintings. The oldest paintings are of caves 9 and 10, which are related to the Hinayana sect.
Abstract in Hindi Lanaguage:
अजन्ता के चित्रों का प्रायोजन मुख्यतः भगवान बुद्ध के जीवन के विभिन्न पहलुओं का अंकन है। कथांकनों के अनन्तर शेष स्थान को लतापत्रक, पशुपक्षियों ज्यामितिक आकृतियों तथा अन्य वैविध्यपूर्ण रूप सज्जा से अलंकृत किया गया है। अजन्ता की तीस गुफाओं में गुफा सं0- 9,10,19,26 चैत्य मण्डप हैं, जबकि शेष संघाराम अथवा विहार हैं। वर्तमान में मात्र छः गुफाओं के चित्र अवशेष हंै, जिनमें गुफा सं0-1,2,9,10,16 व 17 हैं। काल की दृष्टि से इन चित्रों को तीन वर्गो मंे विभक्त किया जाता है-सातवाहन कालीन चित्र, वाकाटककालीन चित्र तथा वाकाटकोत्तरकालीन चित्र। सर्वाधिक प्राचीन चित्र गुफा सं0 9 व 10 के हैं, जो कि हीनयान सम्प्रदाय से सम्बन्धित हैं।
Keywords: माया का स्वप्न, असित ऋषि से चर्चा, गौतम का विद्याभ्यास, वृद्ध तथा तीन अन्य निमित्तों का दर्शन, सुजाता की खीर, धर्मोपदेश, नन्द की दीक्षा ।
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